क्या आप भूल गए हैं राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम का फायदा? जानिए कैसे पा सकते थे आप टैक्स बचत!

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम (RGESS) एक ऐसी योजना थी, जो सामान्य निवेशक को टैक्स बचत करने का एक शानदार मौका देती थी। अगर आप इस योजना से वाकिफ नहीं हैं, या आपको ये याद नहीं कि यह किस प्रकार काम करती थी, तो हो सकता है कि आपने एक सुनहरा मौका गंवा दिया हो। चलिए, हम आपको बताते हैं कि यह स्कीम कितनी महत्वपूर्ण थी, और कैसे आप इससे टैक्स में भारी छूट प्राप्त कर सकते थे।

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम क्या थी?

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम (RGESS) को 2012 में भारत सरकार द्वारा पेश किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य नए निवेशकों को इक्विटी मार्केट की ओर आकर्षित करना और उन्हें पहली बार बाजार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस योजना के अंतर्गत निवेशक 50% तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते थे।

कैसे काम करती थी राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम

RGESS का मकसद उन व्यक्तियों को इक्विटी में निवेश के लिए प्रेरित करना था, जिनका सालाना आय 12 लाख रुपये से कम था। इसमें निवेशकों को अपनी निवेशित रकम पर सेक्शन 80CCG के तहत टैक्स में छूट मिलती थी। योजना का लाभ केवल उन्हीं निवेशकों को मिलता था जो पहली बार शेयर बाजार या म्युचुअल फंड्स में निवेश कर रहे थे।

क्या थे राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स प्रमुख फायदे?

1. टैक्स छूट:
इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह था कि इसमें निवेश करने पर आपको 50% तक की टैक्स छूट मिलती थी। उदाहरण के तौर पर, अगर आपने 50,000 रुपये निवेश किए, तो आपको 25,000 रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ मिलता था।

2. दीर्घकालिक लाभ:
यह योजना केवल एक बार की टैक्स छूट तक सीमित नहीं थी। एक बार निवेश करने पर, आप तीन साल तक टैक्स छूट का फायदा उठा सकते थे।

3. सुरक्षित निवेश:
इस स्कीम के तहत निवेश किए गए फंड्स को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित स्टॉक में निवेश किया जाता था, जिससे आपका निवेश सुरक्षित रहता था।

4. पहली बार निवेशकों के लिए वरदान:
यह योजना मुख्य रूप से उन लोगों के लिए थी जिन्होंने कभी भी शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड्स में निवेश नहीं किया था। यह नया अनुभव देने के साथ ही टैक्स बचत का एक शानदार तरीका प्रदान करती थी।

क्या आपने मिस किया राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम का फायदा?

अब अगर आप सोच रहे हैं कि आपने इस स्कीम का फायदा क्यों नहीं उठाया, तो यह सवाल महत्वपूर्ण है। इसका एक कारण हो सकता है कि इसकी जटिलताएं या यह तथ्य कि यह योजना केवल सीमित समय के लिए उपलब्ध थी, लोगों के ध्यान में कम आ पाई। बहुत सारे लोग इस स्कीम से पूरी तरह परिचित नहीं थे, और जब तक उन्हें इसके बारे में जानकारी मिली, तब तक स्कीम बंद हो चुकी थी।

क्या यह योजना अब भी उपलब्ध है?

नहीं, 2017 के बाद से इस योजना को बंद कर दिया गया है। इसका मतलब है कि जो लोग इसे चूक गए, वे अब इसे नहीं प्राप्त कर सकते। हालांकि, इसका फायदा न उठाने का अफसोस करने के बजाय, यह जरूरी है कि आप अन्य निवेश विकल्पों की तलाश करें जो वर्तमान में टैक्स बचत प्रदान करते हैं।

अब क्या करें?

अगर आप राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम का लाभ नहीं उठा पाए, तो निराश न हों। अभी भी ऐसे कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं जो टैक्स बचत में मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए:

1. सेक्शन 80C के तहत विकल्प:
सेक्शन 80C के तहत, आप पीएफ, पीपीएफ, एनएससी, और ईएलएसएस जैसी योजनाओं में निवेश करके 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।

2. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS):
नेशनल पेंशन स्कीम भी एक ऐसा विकल्प है, जहां आप अपनी सेवानिवृत्ति के लिए निवेश करके टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना में सेक्शन 80CCD के तहत अतिरिक्त छूट मिलती है।

3. म्युचुअल फंड्स में निवेश:
हालांकि RGESS बंद हो चुकी है, लेकिन आप इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS) के तहत म्युचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं, जो टैक्स छूट के साथ-साथ उच्च रिटर्न भी प्रदान करते हैं।

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम: क्या थे इसके नुकसान?

हर योजना के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। RGESS में निवेश करने के लिए कुछ शर्तें और जटिलताएं थीं:

1. सीमित निवेश:
इस योजना में आप अधिकतम 50,000 रुपये तक ही निवेश कर सकते थे, जो कई निवेशकों के लिए एक बड़ी सीमा थी।

2. लॉक-इन अवधि:
इस स्कीम में तीन साल की लॉक-इन अवधि थी, यानी आपको अपने निवेश को तीन साल तक छूने का अधिकार नहीं था। यह कुछ निवेशकों के लिए असुविधाजनक हो सकता था।

3. केवल नए निवेशकों के लिए:
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं निवेशकों को मिलता था जिन्होंने पहले कभी शेयर बाजार में निवेश नहीं किया था, जिससे अनुभवी निवेशकों को इसका फायदा नहीं मिल सकता था।

निष्कर्ष

राजीव गांधी इक्विटी सेविंग्स स्कीम एक शानदार योजना थी जो विशेष रूप से नए निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती थी। हालांकि यह योजना अब बंद हो चुकी है, लेकिन इससे हमें यह सीख मिलती है कि टैक्स बचत के लिए हमें हमेशा ऐसे विकल्पों पर नजर रखनी चाहिए जो न केवल हमें टैक्स में राहत प्रदान करें, बल्कि हमारी वित्तीय योजनाओं को भी बेहतर बनाएं। अगर आपने इस स्कीम का फायदा नहीं उठाया, तो निराश न हों। अभी भी कई विकल्प उपलब्ध हैं, जो आपको टैक्स में छूट और अच्छे रिटर्न देने में मदद कर सकते हैं।

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